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दामिनीं अगर जिंदा रहती तो जिंदगी भर बलात्कार होता उसका

इन्साफ दिलाने क्या निकले दामिनीं को हर जगह बलात्कार हुआ उसका , हर गली हर चौराहे पर बलात्कार हुआ उसका .... मर गयी बेचारी , और अगर जिंदा रहती तो जिंदगी भर बलात्कार होता उसका , शरीर तो दानवों ने बेकार कर ही दिया था , मन ये समाज घायल कर देता लेकिन दामिनी के साथ जज्बा हार गया , उसके जिन्दा रहने का हौसला हार गया और हार गयी इंसानियत, मानवता :(( पहना क्या था ? पोशाक कैसी थी ? साथ में कौन था ? बॉय फ्रेंड के साथ क्या कर रही थी ? रात को बाहर क्या करने निकली थी ? आधी रात को आजादी मिली इसका मतलब ये है की आधी रात को सडक पर घूमेगी ? घिर गयी थी तो समर्पण क्यूँ नही कर दिया ? क्यूँ कोशिश की खुद को बचाने की ? और कुछ बाकी है ? हाँ अभी तो बहुत कुछ बाकी है.....अब क्या करें ? 144 लगा दो , किसी को बाहर मत निकलने दो....मेट्रो बंद कर दो , और ऐसा करो एक कमेटी बना दो , बयान ज।री कर दो , कड़ी सी कड़ी सजा दी जाएगी , दोषियों को बक्शा नही जायेगा , मुआवजा देने की घोषणा अभी मत करना , उसे बाद के लिए रखते हैं .......करो बेशर्मी, और करो...... 90% जनता मूर्ख है , विश्वास कर लेगी , क्षेत्रवाद और धर्म में ही उलझी रहेगी अरे