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" खून बेचने के लिए नहीं होता है"। केन्द्र सरकार के बल्ड बैंकों सहित अस्पतालों के लिए आए नये दिशा-निर्देशों का गुलाटी ने स्वागत किया।

नई दिल्लीः पीपुल्स राइट्स फ्रन्ट (P.R.F) के अध्यक्ष और देश की राजधानी दिल्ली में, रक्तदान के क्षेत्र में विगत् 30 वर्षों से सक्रिय, स्वयं 110 बार रक्तदान कर चुके, "अटल रक्तदान अभियान" के संयोजक अभिमन्यु गुलाटी  ने केन्द्र सरकार के औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) द्वारा निजी एवं कुछ सरकारी अस्पतालों और प्राइवेट ब्लड बैंकों द्वारा ब्लड देने के बदले, मरीजों के परिवारजनों से मोटी रकम वसूलने के ऊपर लगाम कसने के केंद्र सरकार के फैसले का स्वागत करते हुए अपनी चिन्ता भी व्यक्त की है। गुलाटी ने का कि केन्द्र सरकार के कल आए इस नए फैसले के बाद ब्लड बैंक या अस्पताल से खून लेने पर अब प्रोसेसिंग शुल्क के अलावा किसी भी तरह का कोई अन्य चार्ज नहीं लगेगा। जिसके चलते रक्त की जरूरत वाले मरीजों एवं उनके परिजनों को कुछ राहत मिलेगी। गुलाटी ने कहा कि केन्द्र सरकार के औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) ने कल यह स्पष्ट निर्देश जारी किया है और कहा है कि " खून बेचने के लिए नहीं होता है"।  उन्होंने कहा कि तमाम निजी अस्पताल एवं निजी बल्ड बैंक
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"मोदी की भारत को विपक्षहीन कर, अपना एक छत्र राज कायम करने की इच्छा हिलोरें मार रही है" - अभिमन्यु गुलाटी

नई दिल्ली: पीपुल्स राइट्स फ्रन्ट  (P.R.F) के प्रमुख अभिमन्यु गुलाटी ने आज अपने लिखे ब्लाग पर कहा कि प्रधानमंत्री मोदी की कथनी और करनी में बहुत बड़ा अंतर है। गुलाटी ने कहा कि मोदी कहते कुछ और हैं करते कुछ और हैं। उन्होंने कि प्रधानमंत्री मोदी जैसा, झूठ बोलने वाला नेता, उन्होंने अपने अभी तक के जीवन में कभी नहीं देखा। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल #सत्यपाल_मलिक ने शायद ठीक ही कहा था कि प्रधानमंत्री मोदी को भ्रष्टाचार से कोई फर्क नहीं पड़ता। उनके लिए तो सत्ता ही सब कुछ है। उन्होंने कहा कि अभी चंद दिनों पहले 27 जून की ही तो बात है, जब प्रधानमंत्री मोदी अपनी अमरीका सहित अन्य देशों की विदेश यात्रा से लौटने के बाद, मध्यप्रदेश के भोपाल में, भाजपा कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए, महाराष्ट्र की शरद पवार की पार्टी NCP और उसके नेताओं को पानी पी-पी कर कोस रहे थे।  गुलाटी ने कहा कि वे मोदी #NCP पर ₹ 70,000/-करोड़ के घोटाले सहित अन्य विपक्षी दलों पर लाखों करोड़ के घोटालों का खुल कर आरोप लगा रहे थे। जिसे पूरे देश ने अपने टेलीविज़न की स्क्रीन पर देखा और सुना। और आज महज 5 दिनों के भीतर ही सब

सौतिया डाह की प्रवृति से ग्रसित केन्द्र की मोदी सरकार के पतन का समय शुरू: अभिमन्यु गुलाटी

नई दिल्ली: पीपुल्स राइट्स फ्रन्ट (P.R.F) के प्रमुख अभिमन्यु गुलाटी ने आज अपने ब्लाग सहित मीडिया को जारी एक बयान में केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार को जमकर आड़े हाथों लेते हुए कहा कि केन्द्र की मोदी सरकार सौतिया डाह की गंदी प्रवृति से ग्रसित सरकार है। उन्होंने कहा कि केन्द्र की मोदी सरकार के पतन का समय अब शुरू हो गया है।  गुलाटी ने कहा कि अभी पिछले दिनों ही देश के सर्वोच्च न्यायालय /सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार और दिल्ली के उप-राज्यपाल के अधिकारों को लेकर एक फ़ैसला दिया था जिसमें कोर्ट ने स्पष्ट कहा था कि जनता के द्वारा चुनी हुई दिल्ली की आम आदमी #AAP की सरकार को सिवाय भूमि, लोक व्यवस्था और पुलिस को छोड़ दिल्ली की जनता के हित में अपने हर फैसले लेने का पूरा अधिकार होगा। लेकिन दिल्ली सरकार के प्रति सौतिया डाह की प्रवृति से ग्रसित केन्द्र की मोदी सरकार ने कल शुक्रवार को एक अध्यादेश लाकर सुप्रीम कोर्ट के उक्त फैसले को भी बदल दिया। जोकि सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की सरासर अवमानना है। गुलाटी ने कहा कि केन्द्र की मोदी सरकार देश के अन्य राज्यों में अपनी शर्मनाक हार सहित पकड़ ढीली होते देख

रसोई गैस सहित पेट्रोल और डीज़ल की आए दिन बड़ रही कीमतों पर गुलाटी ने रोष व्यक्त करते हुए, केन्द्र की मोदी सरकार से पूछा कि क्या यही हैं अच्छे दिन ?

नई दिल्ली: पीपुल्स राइट्स फ्रन्ट (P.R.F) के प्रमुख अभिमन्यु गुलाटी ने आज अपने ब्लाग सहित सोशल मीडिया एवं प्रेस को जारी अपने एक बयान में देश की आम जनता को महंगाई से छुटकारा दिलाकर "अच्छे दिनों" का स्वपन दिखाकर  सन् 2014 से केन्द्र की सत्ता में काबिज हुई नरेन्द्र मोदी सरकार के प्रति जमकर रोष व्यक्त किया है। गुलाटी ने कहा कि देश की आम जनता ने कांग्रेस के कुशासन एवं महंगाई की मार से त्रस्त होकर नरेन्द्र भाई मोदी के प्रति अपना विश्वास व्यक्त करते हुए भारतीय जनता पार्टी को जबरदस्त जनादेश दिया था। उन्होंने कहा कि बड़े दुःख के साथ कहना पड़ रहा है कि आज केन्द्र की मोदी सरकार महंगाई, रोज़गार एवं देश की राजधानी दिल्ली की सीमाओं पर पिछले नो महीनों से अपनी मांगों के समर्थन में धरना दे रहे किसानों सहित कई अन्य गंभीर मसलों पर एकदम नाकारा साबित हो रही है। उन्होंने कहा कि जहां एक और लगभग पिछले दो वर्षां से देश की आम जनता 'कोरोना' की मार झेल रही है वहीं दूसरी और उसकी अपनी पसंद की चुनी हुई केन्द्र की नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने उसे भूखों मरने के लिए मजबूर कर दिया है। गुलाटी ने क

क्या यही थी, मदनलाल खुराना और शीला दीक्षित की दिल्ली ?

आज यदि मदनलाल खुराना जी या शीला दीक्षित जी, जीवित होते तो हमारी दिल्ली को यह दिन ना देखने पड़ते। खुराना जी तो दिल्ली को अपना मन्दिर और खुद को उसका पुजारी मानते थे और काम भी करते थे। दिल्ली के विकास और जरूरतों के लिए यह दोनों ही नेता तब भी केन्द्र से भिड़ जाया करते थे। चाहे सरकार किसी भी दल की क्यूं ना रही हो।  आज दिल्ली में जो भी विकास आपको दिखाई देता है। चाहे वो मेट्रो रेल हो, पुल हों, सड़कें हों और उनके नीचे अंडरपास या फिर CNG से चलने वाली पब्लिक ट्रॉंसपोर्ट या अन्य निजी वाहन। सब इन दोनों दिग्गज नेताओं की देन हैं। वर्तमान की दिल्ली की अत्यधिक बहुमत वाली केजरीवाल और केन्द्र की अत्यधिक बहुमत वाली मोदी सरकार की हठधर्मिता, और बदले सहित आरोप-प्रत्यारोप की राजनीति ने दिल्ली का बेड़ा-गर्क करके रख दिया है। आज कई बार ऐसा लगता है कि हम लोग देश की राजधानी दिल्ली में ना रहकर बिहार के किसी पिछड़े हुए जिले के निवासी हों। आज कोविड_19 कोरोना महामारी की दूसरी खतरनाक लहर के बीच में इन दोनों ही सरकारों के आपसी झगड़े और महामारी में भी नाम कमाने और अपनी छवि बनाने की होड़ ने दिल्ली को ऑक्सीजन के अभाव में श्मशान

कोरोना को लेकर जिस तरह की लापरवाही देखी जा रही है वह गंभीर संकट को आमंत्रित करने वाली है: अभिमन्यु गुलाटी

अब कोई नहीं आएगा बचाने...अपनी लड़ाई स्वयं लड़नी पड़ेगी। इसलिए हो जाएं सावधान। मित्रों,  महाशिवरात्रि पर गत दिवस हरिद्वार में कुम्भ का शुभारम्भ शाही स्नान के साथ शुरू हो गया है। इस आयोजन में देश के अलग-अलग हिस्सों से लोगों की भीड़ हरिद्वार में उमड़ेगी।  कुम्भ मेला भारत के सबसे बड़े आयोजनों में से एक है लेकिन ये आयोजन ऐसे समय में हो रहा है जब देश में कोरोना की दूसरी लहर ने जोरदार दस्तक दे दी है। गत् दिवस 22 हजार से भी ज़्यादा नए मामले आये हैं जबकि स्वस्थ होकर अस्पतालों से लौटने वालों की संख्या काफ़ी कम है।  केरल, गुजरात और महाराष्ट्र से भी चिन्ताजनक खबरें बराबर आ रही हैं। पूरे देश से लोग कुम्भ में आयेंगे। वहीं असम, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, पुडुचेरी और केरल में विधानसभा चुनाव की सरगर्मी के कारण कोरोना से बचाव के प्रति वैसे भी लोगों सहित नेताओं और राजनीतिक दलों के कार्यकर्ताओं में लापरवाही देखी जा रही है।  'मास्क' और शारीरिक दूरी की सलाह की  पूरी तरह उपेक्षा की जा रही है।   देश के बाकी हिस्सों में भी कोरोना को लेकर पैदा हुआ खौफ भी पूरी तरह से खत्म सा होने लगा है। भारत सरकार एवं

आज अघोषित आपातकाल के दौर से गुज़र रहा है भारत: अभिमन्यु गुलाटी

चौकीदार: मुंह पर टेप कलम पर पहरा अब तुम खुद ही समझ लो सरकार का ककहरा। आज हमारा देश "अघोषित आपातकाल" के दौर से गुज़र रहा है! सरकार ने सोशल मीडिया पर बोलने एवं लिखने पर अपने सख्त दिशा-निर्देशों सहित कानून का पहरा बैठा दिया है। सरकार चाहती है, जो उसे पसंद हो वही बात कहें हम। वो दिन को रात कहे तो रात कहें हम।