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किस राजनैतिक दल ने समझा है अम्बेडकर को: अभिमन्यु गुलाटी

नई दिल्ली: पीपुल्स राईट्स फ्रन्ट (P.R.F.) के प्रमुख अभिमन्यु गुलाटी ने आज अम्बेडकर जयंती 14, अप्रैल के अवसर पर सोशल मीडिया पर जारी अपने बयान में देश की सभी राजनैतिक पार्टियों पर अम्बेडकर के नाम पर दलितों के वोट बटोरने की घटिया राजनीति करने का आरोप लगाया। गुलाटी ने कहा कि आज बाबा साहेब अम्बेडकर की 127वीं जयन्ती को देशभर में धूम धाम से मनाया जा रहा है। शायद पहली बार है कि उनकी जयन्ती पर लगभग हर राष्ट्रीय स्तर की पार्टी उनको नमन कर रही है। केन्द्र की सत्ताधरी बीजेपी हो या विपक्ष में बैठी कांग्रेस या फिर दिल्ली की आम आदमी पार्टी, सब अपने स्तर पर भीमराव अम्बेडकर का गुणगान कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कल देश की राजधानी दिल्ली में अम्बेडकर मेमोरियल का उद्धाटन किया। तो यूपीए की अध्यक्षा सोनिया गांधी और कांग्रेस पार्टी के नवनियुक्त अध्यक्ष राहुल गांधी भी बाबा साहेब अम्बेडकर का गुणगान करने में पीछे नही हैं। गुलाटी ने कहा कि दिल्ली में आज  आम आदमी पार्टी ने अखबारों में एक पूरे पन्ने के बड़े विज्ञापन जारी कर बाबासाहेब को याद किया है। उन्होंने कहा कि आज  हमारे देश के

डॉ० श्यामा प्रसाद मुख़र्जी एक व्यक्तित्व

राजनैतिक जीवन डॉ मुख़र्जी के राजनैतिक जीवन की शुरुआत सन 1929 में हुई जब उन्होंने कांग्रेस पार्टी के टिकट पर बंगाल विधान परिषद् में प्रवेश किया परन्तु जब कांग्रेस ने विधान परिषद् के बहिष्कार का निर्णय लिया तब उन्होंने इस्तीफा दे दिया। इसके पश्चात उन्होंने स्वतंत्र उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ा और चुने गए। सन 1941-42 में वह बंगाल राज्य के वित्त मंत्री रहे। सन 1937 से 1941 के बीच जब कृषक प्रजा पार्टी और मुस्लिम लीग की साझा सरकार थी तब वो विपक्ष के नेता थे और जब फजलुल हक़ के नेतृत्व में एक प्रगतिशील सरकार बनी तब उन्होंने वित्त मंत्री के तौर पर कार्य किया पर 1 साल बाद ही इस्तीफ़ा दे दिया। इसके बाद धीरे-धीरे वो हिन्दुओं के हित की बात करने लगे और हिन्दू महासभा में शामिल हो गए। सन 1944 में वो हिन्दू महासभा के अध्यक्ष भी रहे। श्यामा प्रसाद मुख़र्जी ने मुहम्मद अली जिन्ना और मुस्लिम लीग की साम्प्रदायिकतावादी राजनीति का विरोध किया था। उस समय जिन्ना मुसलमानों के लिए बहुत ज्यादा रियायत की मांग कर रहे थे और पाकिस्तान आन्दोलन को भी हवा दे रहे थे। उन्होंने मुस्लिम लीग के साम्प्रदायिकतावादी दुष्प्रचार से