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दामिनीं अगर जिंदा रहती तो जिंदगी भर बलात्कार होता उसका

इन्साफ दिलाने क्या निकले दामिनीं को हर जगह बलात्कार हुआ उसका , हर गली हर चौराहे पर बलात्कार हुआ उसका .... मर गयी बेचारी , और अगर जिंदा रहती तो जिंदगी भर बलात्कार होता उसका , शरीर तो दानवों ने बेकार कर ही दिया था , मन ये समाज घायल कर देता लेकिन दामिनी के साथ जज्बा हार गया , उसके जिन्दा रहने का हौसला हार गया और हार गयी इंसानियत, मानवता :(( पहना क्या था ? पोशाक कैसी थी ? साथ में कौन था ? बॉय फ्रेंड के साथ क्या कर रही थी ? रात को बाहर क्या करने निकली थी ? आधी रात को आजादी मिली इसका मतलब ये है की आधी रात को सडक पर घूमेगी ? घिर गयी थी तो समर्पण क्यूँ नही कर दिया ? क्यूँ कोशिश की खुद को बचाने की ? और कुछ बाकी है ? हाँ अभी तो बहुत कुछ बाकी है.....अब क्या करें ? 144 लगा दो , किसी को बाहर मत निकलने दो....मेट्रो बंद कर दो , और ऐसा करो एक कमेटी बना दो , बयान ज।री कर दो , कड़ी सी कड़ी सजा दी जाएगी , दोषियों को बक्शा नही जायेगा , मुआवजा देने की घोषणा अभी मत करना , उसे बाद के लिए रखते हैं .......करो बेशर्मी, और करो...... 90% जनता मूर्ख है , विश्वास कर लेगी ,
क्षेत्रवाद और धर्म में ही उलझी रहेगी अरे जब ये सरकार खुद के नुमाइंदों पर कोई कार्यवाही नहीं कर सकती तो अपराधियों पर क्या करेगी ? कुछ हुआ क्या किसी को ? कुछ बिगड़ा क्या किसी का ? नहीं.....इज्ज़त किसकी लुटी ? लाठी किस पर चली.....?

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"मोदी की भारत को विपक्षहीन कर, अपना एक छत्र राज कायम करने की इच्छा हिलोरें मार रही है" - अभिमन्यु गुलाटी

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सौतिया डाह की प्रवृति से ग्रसित केन्द्र की मोदी सरकार के पतन का समय शुरू: अभिमन्यु गुलाटी

नई दिल्ली: पीपुल्स राइट्स फ्रन्ट (P.R.F) के प्रमुख अभिमन्यु गुलाटी ने आज अपने ब्लाग सहित मीडिया को जारी एक बयान में केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार को जमकर आड़े हाथों लेते हुए कहा कि केन्द्र की मोदी सरकार सौतिया डाह की गंदी प्रवृति से ग्रसित सरकार है। उन्होंने कहा कि केन्द्र की मोदी सरकार के पतन का समय अब शुरू हो गया है।  गुलाटी ने कहा कि अभी पिछले दिनों ही देश के सर्वोच्च न्यायालय /सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार और दिल्ली के उप-राज्यपाल के अधिकारों को लेकर एक फ़ैसला दिया था जिसमें कोर्ट ने स्पष्ट कहा था कि जनता के द्वारा चुनी हुई दिल्ली की आम आदमी #AAP की सरकार को सिवाय भूमि, लोक व्यवस्था और पुलिस को छोड़ दिल्ली की जनता के हित में अपने हर फैसले लेने का पूरा अधिकार होगा। लेकिन दिल्ली सरकार के प्रति सौतिया डाह की प्रवृति से ग्रसित केन्द्र की मोदी सरकार ने कल शुक्रवार को एक अध्यादेश लाकर सुप्रीम कोर्ट के उक्त फैसले को भी बदल दिया। जोकि सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की सरासर अवमानना है। गुलाटी ने कहा कि केन्द्र की मोदी सरकार देश के अन्य राज्यों में अपनी शर्मनाक हार सहित पकड़ ढीली होते देख

" खून बेचने के लिए नहीं होता है"। केन्द्र सरकार के बल्ड बैंकों सहित अस्पतालों के लिए आए नये दिशा-निर्देशों का गुलाटी ने स्वागत किया।

नई दिल्लीः पीपुल्स राइट्स फ्रन्ट (P.R.F) के अध्यक्ष और देश की राजधानी दिल्ली में, रक्तदान के क्षेत्र में विगत् 30 वर्षों से सक्रिय, स्वयं 110 बार रक्तदान कर चुके, "अटल रक्तदान अभियान" के संयोजक अभिमन्यु गुलाटी  ने केन्द्र सरकार के औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) द्वारा निजी एवं कुछ सरकारी अस्पतालों और प्राइवेट ब्लड बैंकों द्वारा ब्लड देने के बदले, मरीजों के परिवारजनों से मोटी रकम वसूलने के ऊपर लगाम कसने के केंद्र सरकार के फैसले का स्वागत करते हुए अपनी चिन्ता भी व्यक्त की है। गुलाटी ने का कि केन्द्र सरकार के कल आए इस नए फैसले के बाद ब्लड बैंक या अस्पताल से खून लेने पर अब प्रोसेसिंग शुल्क के अलावा किसी भी तरह का कोई अन्य चार्ज नहीं लगेगा। जिसके चलते रक्त की जरूरत वाले मरीजों एवं उनके परिजनों को कुछ राहत मिलेगी। गुलाटी ने कहा कि केन्द्र सरकार के औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) ने कल यह स्पष्ट निर्देश जारी किया है और कहा है कि " खून बेचने के लिए नहीं होता है"।  उन्होंने कहा कि तमाम निजी अस्पताल एवं निजी बल्ड बैंक