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"आज का बड़ा सवाल! क्या हम सच में आजाद हैं ?"

मित्रों, हर साल की तरह इसबार भी 15 अगस्त यानी "स्वतंत्रता दिवस" आ रहा है। 15 अगस्त यानीकि हमारी आजादी का दिन। इस दिन हमने अंग्रेज़ी हुकूमत की गुलामी से मुक्ति पा ली थी। 15 अगस्त सन् 1947 को अंग्रेजों से आजादी पाने के बाद से हर साल इस दिन को हमारे देश में स्वतंत्रता दिवस के रूप में बहुत धूमधाम से मनाया जाता है। स्कूल, कॉलेजों, सरकारी कार्यालयों तथा अन्य सभी जगहों पर आजादी का जोरदार जश्न मनाया जाता है। इस बार भी हम सब अपनी आजादी का 74.वां जश्न मनाने के लिए तैयार हैं।    लेकिन उसके पहले एक सवाल बार-बार मेरे मन में उठ रहा है कि क्या हम सच में आजाद हैं? क्या हम स्वतंत्रता का सही अर्थ समझ पाए हैं? ये तमाम प्रश्न न केवल हमारी आजादी पर प्रश्न चिह्न लगाते हैं, बल्कि समाज के बौद्धिक वर्ग व आम जनता को आजादी के सही मायने खोजने के लिए भी प्रेरित करते हैं।     सिर्फ हंगामा खड़ा करना मेरा मकसद नहीं, मेरी कोशिश है कि ये सूरत बदलनी चाहिए। मेरे सीने में नहीं तो तेरे सीने में ही सही, हो कहीं भी आग, लेकिन आग जलनी चाहिए।    दुष्यंत की ये पंक्तियां आजादी के 73,वर...

लॉकडाउन में रियायत या ढील देश को बड़े संकट की और धकेलने जैसा होगा: अभिमन्यु गुलाटी

मित्रों, मैं जनता कर्फ्यू के दिन विगत् 21 मार्च से ही प्रधानमंत्री मोदी द्वारा घोषित देशव्यापी लॉकडाउन का समर्थन करता आ रहा था।  आप और हम भी बार-बार इस विषय पर चर्चा करते थे कि अब Stringent कठोर लॉकडाउन की जरूरत है। टेलीविज़न के पर्दे पर प्रधानमंत्री मोदी की चिन्ता "जान है तो जहान है" पर उनकी भाव भंगिमा  देखकर भी लगता था कि स्थिति बहुत नाजुक है। और अब कठोर Stringent लॉकडाउन की सख्त जरूरत है।  लक्ष्मण रेखा को भी पार नहीं करन है।  लेकिन अचानक से ऐसा क्या हो गया कि प्रधानमंत्री मोदी कहने लगे की "जान भी और जहान भी" ?  मित्रों, उसके बाद सरकार ने मरी हुई अर्थव्यवस्था में प्राण फूंकने, उसे जीवित करने के  उद्देश्य से  अपने राजस्व की चिन्ता करते हुए और अपने बड़े उद्योगपति मित्रों के दवाब में आकर देश की बड़ी आबादी को कोरोना वायरस रूपी महादानव के मुख में झोंकने के लिए लॉकडाउन को विगत् 14 अप्रैल के बाद से निरन्तर Dilute कमजोर करना शुरू कर दिया।  मित्रों,  जिस तरह से रोज़ कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों की संख्या देश की राजधानी दिल्ली सहित पूरे देश ...

Blood Donation

25 साल बेमिसाल! Blood donation De. 25th 2019

बाजारू संस्कृती को बढ़ावा देने वाले पाश्चात्य सभ्यता पर आधारित वेलेंटाइन्स-डे का विरोध किया जाना चाहिए। - अभिमन्यु गुलाटी

नई दिल्ली: पीपुल्स राइट्स फ्रन्ट (P.R.F) के संस्थापक प्रमुख अभिमन्यु गुलाटी ने आज वसंतोत्सव (वसंत पंचमी) की पूर्व संध्या पर अपने कार्यालय पर आयोजित एक बैठक के बाद सोशल मीडिया सहित प्रेस को जारी किए गए अपने बयान में कहा कि हमें पाश्चात्य/पश्विमी सभ्यता पर आधारित और बाज़ारू संस्कृति को बढ़ावा देने वाले त्योहार वेलेंटाइन्स-डे का विरोध करना चाहिए और फूलों के त्योहार वसंतोत्सव, वसंत पंचमी को पूरे धूम-धाम से मनाना चाहिए। उन्होंने कहा कि वेलेंटाइन्स-डे जैसे पाश्चात्य/पश्चिमी सभ्यता पर आधारित त्योहार भारतीय मूल्यों और संस्कृति को छिन्न-भिन्न करने की विदेशी कंपनीयों की साजिश है।  गुलाटी ने कहा कि हीर-रांझा, सोहनी-महिवाल के देश में प्रेम के इज़हार के लिए हमें किसी विदेशी वेलेंटाइन की कोई जरुरत नहीं है।  गुलाटी ने युवाओं एवं इस पाश्चात्य सभ्यता पर आधारित त्योहार वेलेंटाइन-डे को बढ़ावा देने में लगे मीडिया से प्रश्न करते हुए कहा कि मैं पूछना चाहता हूँ कि Why Should We Celebrate Valentines Day, Why Not Vasant Utsav ?

क्या हम सच में आजाद हैं ?- अभिमन्यु गुलाटी

मित्रों, हर साल की तरह इसबार भी 15 अगस्त यानी "स्वतंत्रता दिवस" आ रहा है। 15 अगस्त यानीकि हमारी आजादी का दिन। इस दिन हमने अंग्रेज हकूमत की गुलामी से मुक्ति पा ली थी। 15 अगस्त सन् 1947 को ...

किस राजनैतिक दल ने समझा है अम्बेडकर को: अभिमन्यु गुलाटी

नई दिल्ली: पीपुल्स राईट्स फ्रन्ट (P.R.F.) के प्रमुख अभिमन्यु गुलाटी ने आज अम्बेडकर जयंती 14, अप्रैल के अवसर पर सोशल मीडिया पर जारी अपने बयान में देश की सभी राजनैतिक पार्टियों पर अम्बेडकर के नाम पर दलितों के वोट बटोरने की घटिया राजनीति करने का आरोप लगाया। गुलाटी ने कहा कि आज बाबा साहेब अम्बेडकर की 127वीं जयन्ती को देशभर में धूम धाम से मनाया जा रहा है। शायद पहली बार है कि उनकी जयन्ती पर लगभग हर राष्ट्रीय स्तर की पार्टी उनको नमन कर रही है। केन्द्र की सत्ताधरी बीजेपी हो या विपक्ष में बैठी कांग्रेस या फिर दिल्ली की आम आदमी पार्टी, सब अपने स्तर पर भीमराव अम्बेडकर का गुणगान कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कल देश की राजधानी दिल्ली में अम्बेडकर मेमोरियल का उद्धाटन किया। तो यूपीए की अध्यक्षा सोनिया गांधी और कांग्रेस पार्टी के नवनियुक्त अध्यक्ष राहुल गांधी भी बाबा साहेब अम्बेडकर का गुणगान करने में पीछे नही हैं। गुलाटी ने कहा कि दिल्ली में आज  आम आदमी पार्टी ने अखबारों में एक पूरे पन्ने के बड़े विज्ञापन जारी कर बाबासाहेब को याद किया है। उन्होंने कहा कि आज  हमा...

डॉ० श्यामा प्रसाद मुख़र्जी एक व्यक्तित्व

राजनैतिक जीवन डॉ मुख़र्जी के राजनैतिक जीवन की शुरुआत सन 1929 में हुई जब उन्होंने कांग्रेस पार्टी के टिकट पर बंगाल विधान परिषद् में प्रवेश किया परन्तु जब कांग्रेस ने विधान परिषद् के बहिष्कार का निर्णय लिया तब उन्होंने इस्तीफा दे दिया। इसके पश्चात उन्होंने स्वतंत्र उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ा और चुने गए। सन 1941-42 में वह बंगाल राज्य के वित्त मंत्री रहे। सन 1937 से 1941 के बीच जब कृषक प्रजा पार्टी और मुस्लिम लीग की साझा सरकार थी तब वो विपक्ष के नेता थे और जब फजलुल हक़ के नेतृत्व में एक प्रगतिशील सरकार बनी तब उन्होंने वित्त मंत्री के तौर पर कार्य किया पर 1 साल बाद ही इस्तीफ़ा दे दिया। इसके बाद धीरे-धीरे वो हिन्दुओं के हित की बात करने लगे और हिन्दू महासभा में शामिल हो गए। सन 1944 में वो हिन्दू महासभा के अध्यक्ष भी रहे। श्यामा प्रसाद मुख़र्जी ने मुहम्मद अली जिन्ना और मुस्लिम लीग की साम्प्रदायिकतावादी राजनीति का विरोध किया था। उस समय जिन्ना मुसलमानों के लिए बहुत ज्यादा रियायत की मांग कर रहे थे और पाकिस्तान आन्दोलन को भी हवा दे रहे थे। उन्होंने मुस्लिम लीग के साम्प्रदायिकतावादी दुष्प्रचार से ...