मित्रों, जब हमारी राजस्थान, उत्तर प्रदेश, बिहार, महाराष्ट्र की माताएं एवं बहनें और अन्य लोग झ्न राज्यों में खुलीं शराब की दुकानों के विरोध में संगठित होकर सड़कों पर उतर सकते हैं तो हम शाहदरा के निवासी और व्यापारिक संगठन के लोग क्यों नहीं ?
मित्रों, जैसा कि आप सभी जानते हैं कि शाहदरा की शान समझे जाने वाले दिल्ली मेट्रो रेल स्टेशन के सामने तीन बड़ी-बड़ी शराब की दुकाने, शाहदरा के व्यस्तम बाज़ार जहाँ से महिलाएँ ही अक्सर खरीददारी करतीं हैं शुक्र बाज़ार चौक वहीं चौक पर ही एक बड़ा शराब का ठेका।
शाहदरा की जानी-मानी टिंबर मार्केट लोनी रोड़, जहाँ आस-पास सघन रिहायशी कालोनीयाँ हैं वहाँ शराब का ठेका। और तो और दिलशाद गार्डन और मानसरोवर पार्क को आपस में जोड़ने वाली जी.टी. रोड़ पर एक प्राइवेट नर्सिंग होम ईस्ट दिल्ली मेडिकल सेंटर के साथ लगता हुआ शराब का ठेका।
मित्रों, ऐसा नहीं है कि इन शराब के ठेकों और उनकी वजह से स्थानीय निवासियों खासतौर पर महिलाओं एवं बच्चों को हो रही परेशानी सहित आपराधिक वारदातों में बढ़ोतरी की जानकारी स्थानीय पुलिस- प्रशासन को नहीं है। लेकिन हम लोगों के विरोध के सुर और तरीका कमज़ोर होने एवं दिल्ली सरकार के आबकारी विभाग की गलत एवं भ्रष्ट नीतियों की वजह से आज इन शराब माफियों और पुलिस-प्रशासन एवं इनसे मिले हुए स्थानीय नेताओं के हौंसले बुलंद हैं।
मेरा आप सभी स्थानीय शाहदरा क्षेत्र के सभ्य एवं सम्मानित नागरिकों से निवेदन है कि यदी आप चाहते हैं कि आप के आस-पास शांति का वातावरण रहे तो आज ही प्रण कर लें कि इन सभी आस-पास के शराब के ठेकों पर ताला जड़ेंगे इन्हें बंद करवाने के लिए अपनी आवाज़ बुलंद करेंगे और अपने क्षेत्र का जागरूक नागरिक होने का परिचय देंगे।